5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी करने वाली चर्चित कारोबारी और हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज की संस्थापक नोहेरा शेख को आखिरकार हैदराबाद क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया है. नोहेरा को फरीदाबाद के सुरजकुंड स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया, जहां वह परिवार के साथ छिपकर रह रही थी.
नोहेरा शेख पहले भी कई बार गिरफ्तार हो चुकी है. सितंबर 2024 में उन्हें आंध्र प्रदेश की CID ने चित्तूर से गिरफ्तार किया था. हालांकि जमानत मिलने के बाद वह वापस जेल नहीं पहुंची और पुलिस को चकमा देकर फरार हो गई. इसके बाद से वह लगातार फरार थी और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. फरीदाबाद पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि हैदराबाद पुलिस के अनुरोध पर स्थानीय पुलिस ने पूरी मदद करते हुए गिरफ्तारी की कार्रवाई को अंजाम दिया.
कैसे रचा करोड़ों की धोखाधड़ी का जाल
नोहेरा शेख ने अपनी एक छवि एक सफल महिला उद्यमी और धार्मिक महिला के तौर पर बनाई थी. उन्होंने ‘हीरा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़’ (Heera Group of Companies) की स्थापना की थी, जिसमें उन्होंने निवेशकों को झूठे वादों के दम पर फंसाया. हीरा ग्रुप ने दावा किया कि वह सोने के आयात, गहनों का व्यापार, मिनरल वाटर, ई-कॉमर्स, रियल एस्टेट, टूर एंड ट्रेवल्स, और कपड़े के व्यवसाय में है. इन सभी क्षेत्रों से मोटी कमाई के झूठे दावे करते हुए, नोहेरा ने लोगों को 36% सालाना रिटर्न देने का लालच दिया. लोगों को आकर्षक मुनाफे का झांसा देकर उन्होंने करीब 2 लाख से अधिक लोगों से पैसा जमा कराया. धीरे-धीरे यह पूरी योजना एक पोंजी स्कीम (Ponzi Scheme) में बदल गई.
क्या होती है पोंजी स्कीम
पोंजी स्कीम एक प्रकार की धोखाधड़ी वाली निवेश योजना होती है, जिसमें पहले निवेशकों को रिटर्न देने के लिए नए निवेशकों का पैसा इस्तेमाल किया जाता है. इसमें कोई असली निवेश नहीं होता, बल्कि पूरी योजना धोखे पर आधारित होती है. शुरुआत में कुछ निवेशकों को मुनाफा दिया जाता है ताकि वे और लोगों को इस योजना में लाने के लिए प्रेरित करें. जब नया पैसा आना बंद हो जाता है, तो पूरी योजना ढह जाती है. नोहेरा शेख की हीरा ग्रुप योजना भी एक क्लासिक पोंजी स्कीम निकली, जिसमें 36% सालाना रिटर्न का झांसा देकर लोगों को ठगा गया.
ईडी ने की थी छापेमारी, 400 करोड़ की संपत्ति अटैच
नोहेरा शेख और उनकी कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के भी आरोप हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी हीरा ग्रुप पर छापेमारी की थी. इसमें करीब ₹400 करोड़ की संपत्ति जब्त (अटैच) की जा चुकी है.
राजनीति में भी आजमाया था हाथ
नोहेरा ने सिर्फ कारोबार तक खुद को सीमित नहीं रखा. उन्होंने एक राजनीतिक दल (अखिल भारतीय महिला सशक्तिकरण पार्टी) बनाकर खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और महिलाओं की हितैषी के तौर पर पेश किया, जबकि असल में यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा था.
हैदराबाद ले गई क्राइम ब्रांच
हैदराबाद क्राइम ब्रांच फिलहाल नोहेरा शेख को हैदराबाद ले गई है, जहां उनसे आगे की पूछताछ होगी. इस मामले में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है और संभावना है कि और भी कई गिरफ्तारियां हों. फरीदाबाद पुलिस की मदद से जिस तरह से यह गिरफ्तारी हुई है, उससे साफ है कि नोहेरा अब कानून के शिकंजे से नहीं बच पाएगी.