scorecardresearch
 
Advertisement

मधुबनी विधानसभा चुनाव 2025 (Madhubani Assembly Election 2025)

  • वाल्मिकी नगर
  • रामनगर (एससी)
  • नरकटियागंज
  • बगहा
  • लौरिया
  • नौतन
  • चनपटिया
  • बेतियी
  • सिकटा
  • रक्सौल
  • सुगौली
  • नरकटिया
  • हरसिद्धि (एससी)
  • गोविंदगंज
  • केसरिया
  • कल्याणपुर
  • पिपरा (पूर्वी चम्पारण)
  • मधुबन
  • मोतिहारी
  • चिरैया
  • ढाका
  • शिवहर
  • रीगा
  • बथनाहा (एससी)
  • परिहार
  • सुरसंड
  • बाजपट्टी
  • सीतामढ़ी
  • रुन्नीसैदपुर
  • बेलसंद
  • हारलाखी
  • बेनीपट्टी
  • खजौली
  • बाबूबरही
  • बिस्फी
  • मधुबनी
  • राजनगर (एससी)
  • झंझारपुर
  • फुलपरास
  • लौकहा
  • निर्मली
  • पिपरा (सुपौल)
  • सुपौल
  • त्रिवेणीगंज (एससी)
  • छातापुर
  • नरपतगंज
  • रानीगंज (एससी)
  • फारबिसगंज
  • अररिया
  • जोकीहाट
  • सिकटी
  • बहादुरगंज
  • ठाकुरगंज
  • किशनगंज
  • कोचाधामन
  • अमौर
  • बैसी
  • कसबा
  • बनमनखी (एससी)
  • रुपौली
  • धमदाहा
  • पुर्णिया
  • कटिहार
  • कदवा
  • बलरामपुर
  • प्राणपुर
  • मनिहारी (एसटी)
  • बरारी
  • कोढ़ा
  • आलमनगर
  • बिहारीगंज
  • सिंहेश्वर (एससी)
  • मधेपुरा
  • सोनबरसा (एससी)
  • सहरसा
  • सिमरी बख्तियारपुर
  • महिषी
  • कुशेश्वर स्थान (एससी)
  • गौरा बौरम
  • बेनीपुर
  • अलीनगर
  • दरभंंगा ग्रामीण
  • दरभंगा
  • हायाघाट
  • बहादुुरपुर
  • केवटी
  • जाले
  • गायघाट
  • औराई
  • मिनापुर
  • बोचहा (एससी)
  • सकरा (एससी)
  • कुरहानी
  • मुजफ्फरपुर
  • कांटी
  • बरूराज
  • पारू
  • साहिबगंज
  • बैकुंठपुर
  • बरौली
  • गोपालगंज
  • कुचायकोट
  • भोरे (एससी)
  • हथुआ
  • सिवान
  • जीरादेई
  • दरौली (एससी)
  • रघुनाथपुर
  • दरौंदा
  • बड़हरिया
  • गोरियाकोठी
  • महाराजगंज
  • एकमा
  • मांझी
  • बनियापुर
  • तरैया
  • मढ़ौरा
  • छपरा
  • गरखा (एससी)
  • अमनौर
  • परसा
  • सोनपुर
  • हाजीपुर
  • लालगंज
  • वैशाली
  • महुआ
  • राजा पाकर (एससी)
  • राघोपुर
  • महनार
  • पातेपुर
  • कल्याणपुुर (एससी)
  • वारिसनगर
  • समस्तीपुर
  • उजियारपुर
  • मोरवा
  • सरायरंजन
  • मोहिउद्दीननगर
  • बिभूतिपुर
  • रोसरा (एससी)
  • हसनपुर
  • चेरिया बरियारपुर
  • बछवारा
  • तेघरा
  • मटिहानी
  • साहेबपुर कमाल
  • बेगुसराय
  • बखरी (एससी)
  • अलौली (एससी)
  • खगड़िया
  • बेलदौर
  • परबत्ता
  • बिहपुर
  • गोपालपुर
  • पीरपैंती (एससी)
  • कहलगांव
  • भागलपुर
  • सुल्तानगंज
  • नाथनगर
  • अमरपुर
  • धोरैया (एससी)
  • बांका
  • कटोरिया (एसटी)
  • बेलहर
  • तारापुर
  • मुंगेर
  • जमालपुर
  • सूर्यगढ़ा
  • लखीसराय
  • शेखपुरा
  • बरबीघा
  • अस्थावां
  • बिहारशरीफ
  • राजगीर (एससी)
  • इस्लामपुर
  • हिलसा
  • नालंदा
  • हरनौत
  • मोकामा
  • बाढ़
  • बख्तियारपुर
  • दीघा
  • बांकीपुर
  • कुम्हरार
  • पटना साहिब
  • फतुहा
  • दानापुर
  • मनेर
  • फुलवारी
  • मसौढ़ी (एससी)
  • पालीगंज
  • बिक्रम
  • संदेश
  • बरहरा
  • आरा
  • अगिआंव (एससी)
  • तरारी
  • जगदीशपुर
  • शाहपुर
  • ब्रह्मपुर
  • बक्सर
  • डुमरांव
  • राजपुर (एससी)
  • रामगढ़
  • मोहनिया (एससी)
  • भभुआ
  • चैनपुर
  • चेनारी
  • सासाराम
  • करगहर
  • दिनारा
  • नोखा
  • डेहरी
  • काराकाट
  • अरवल
  • कुर्था
  • जहानाबाद
  • घोसी
  • मखदुमपुर (एससी)
  • गोह
  • ओबरा
  • नबीनगर
  • कुटुंबा (एससी)
  • औरंगाबाद
  • रफीगंज
  • गुरुआ
  • शेरघाटी
  • इमामगंज (एससी)
  • बाराचट्टी (एससी)
  • बोधगया (एससी)
  • गसा शहर
  • टिकारी
  • बेलागंज
  • अतरी
  • वजीरगंज
  • रजौली (एससी)
  • हिसुआ
  • नवादा
  • गोबिंदपुर
  • वारिसलीगंज
  • सिकंदरा (एससी)
  • जमुई
  • झाझा
  • चकाई
मधुबनी विधानसभा चुनाव 2025 (Madhubani Assembly Election 2025)

मधुबनी आर्ट कह लीजिए या मिथिला पेंटिंग, यह प्राचीन काल से मिथिला क्षेत्र की संस्कृति और विरासत का हिस्सा रही है. भारत और उसके बाहर भी लोग इसे इसकी अनोखी और प्रसिद्ध चित्रकला के लिए जानते हैं.

मूल रूप से, महिलाएं इन जीवंत कलाकृतियों को चमकीले प्राकृतिक रंगों से अपने मिट्टी के घरों की दीवारों पर विशेष अवसरों, जैसे कि शादियों, के दौरान बनाती थीं. समय के साथ इस कला का विस्तार हुआ. व्यावसायिक मांग बढ़ने के कारण यह कला दीवारों से अन्य माध्यमों, जैसे कागज, कैनवास, और यहां तक कि कपड़ों पर उतर आई. पाठकों को शायद याद हो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 के केंद्रीय बजट को लोकसभा में पेश करते समय मधुबनी चित्रित रेशमी साड़ी पहनी थी. कई लोगों ने इसे बिहार चुनाव से पहले मिथिला क्षेत्र में भाजपा को बढ़ावा देने की एक रणनीतिक चाल के रूप में देखा.

मधुबनी की पहचान सिर्फ चित्रकला तक सीमित नहीं है. यह सौराठ के अनोखे दूल्हा मेले के लिए भी प्रसिद्ध है, जो शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर 22 एकड़ के आम के बाग में आयोजित होता है. इस बाग में हजारों मैथिल ब्राह्मण एकत्र होते हैं, जहां परिवार आपस में बातचीत कर तय विवाह करते हैं. दुल्हन पक्ष घर लौटता है, और दूल्हा अपनी बारात के साथ जाता है. यह अनूठी परंपरा पिछले सात सौ वर्षों से चली आ रही है.

हालांकि, मधुबनी का राजनीतिक परिदृश्य उसकी चित्रकला, विवाह परंपराओं, आमों या मखानों जितना प्रसिद्ध नहीं है.

1951 में स्थापित, मधुबनी विधानसभा क्षेत्र मधुबनी लोकसभा सीट के छह खंडों में से एक है. अब तक हुए 17 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा ने चार-चार बार जीत दर्ज की है. कांग्रेस ने आखिरी बार 1985 में यह सीट जीती थी, यानी चार दशक पहले. जनता पार्टी, राजद और निर्दलीय प्रत्याशियों ने दो-दो बार जीत हासिल की है, जबकि प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और जनता दल ने एक-एक बार यह सीट अपने नाम की है.

भाजपा ने 2000 से 2010 तक लगातार चार चुनाव रामदेव महतो को उम्मीदवार बनाकर जीते. बाद में, राजद के समीर कुमार महासेठ ने 2015 और 2020 में जीत दर्ज की. उनके पिता, राज कुमार महासेठ, इससे पहले 1980 (जनता पार्टी), 1990 (निर्दलीय) और 1995 (जनता दल) में तीन बार विजयी रहे थे.

हालांकि, 2020 के बाद से राजनीतिक समीकरण काफी बदल गए हैं. उस वर्ष, यह सीट एनडीए के हिस्से के रूप में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी गई थी. वीआईपी के सुमन कुमार महासेठ दूसरे स्थान पर रहे और 6,814 वोटों से हार गए. एलजेपी, जो एनडीए से अलग हो गई थी, ने एक उम्मीदवार उतारा, जो तीसरे स्थान पर आया, जबकि पूर्व भाजपा विधायक रामदेव महतो ने बागी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा. अब, वीआईपी राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो चुकी है, जबकि एलजेपी एनडीए में लौट आई है.

2024 के लोकसभा चुनावों ने इन बदलावों को दर्शाया, क्योंकि भाजपा मधुबनी के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में आगे रही. यदि यह रुझान अक्टूबर-नवंबर 2025 के बिहार चुनावों में भी जारी रहता है, तो भाजपा और उसके सहयोगी 2020 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकते हैं.

दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने मधुबनी विधानसभा सीट लगातार दो बार गंवाई, लेकिन 2009 से अब तक हर बार मधुबनी लोकसभा सीट जीती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव ने 2009 और 2014 में जीत दर्ज की, जबकि उनके बेटे अशोक कुमार यादव ने 2019 और 2024 में सीट बरकरार रखी.

राजद की लगातार विधानसभा जीत का एक कारण जनसांख्यिकी हो सकता है. यहां मुस्लिम मतदाता 22.6% हैं, अनुसूचित जाति के मतदाता 13.16% हैं, और ग्रामीण मतदाता भारी संख्या (91.9%) में हैं, जबकि शहरी मतदाता केवल 18.1% हैं.

2020 के विधानसभा चुनावों में मधुबनी में कुल 3,46,962 मतदाता थे, जबकि 2024 के लोकसभा चुनावों में यह संख्या बढ़कर 3,54,315 हो गई. 2025 की मतदाता सूची प्रकाशित होने पर यह संख्या और बढ़ सकती है.

एक लगातार चिंता मधुबनी की कम मतदान दर है, जो 2020 में केवल 54.13% थी. यह प्रवृत्ति यहां की कम साक्षरता दर से जुड़ी हो सकती है, जो मात्र 58.62% है, जो राष्ट्रीय औसत 62.39% से भी कम है. पुरुष साक्षरता दर 70.14% है, जबकि महिला साक्षरता बेहद कम, केवल 46.16% है.

(अजय झा)

और पढ़ें
छोटा करें
Advertisement
2020
2015
WINNER

Samir Kumar Mahaseth

img
RJD
वोट71,332
विजेता पार्टी का वोट %38 %
जीत अंतर %3.6 %

अन्य उम्मीदवार

  • नाम
    पार्टी
    वोट
  • Suman Kumar Mahaseth

    VIP

    64,518
  • Arvind Kumar Purbey

    LJP

    15,818
  • Ramdeo Mahto

    IND

    8,247
  • Amaah Khan

    SJDD

    7,344
  • Mihir Kumar Jha 'mahadeo'

    IND

    4,866
  • Nota

    NOTA

    4,181
  • Madhu Bala Giri

    PP

    2,804
  • Dinesh Mandal

    RPI(A)

    2,057
  • Anita Kumari Alias Anita Jha

    IND

    2,001
  • Anpurna Devi

    BCHP

    1,738
  • Shankar Mahaseth

    SHS

    1,525
  • Md Nesar Ahmad Razvi

    IND

    1,308
Advertisement
Advertisement
Advertisement