बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में स्थित घोसी एक पूरी तरह से ग्रामीण विकास खंड है. 2011 की जनगणना के अनुसार, घोसी की कुल जनसंख्या 1,08,130 है, और जनसंख्या घनत्व 1,089 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. यहां की साक्षरता दर 54.46% है, जिसमें पुरुष साक्षरता 63.65% और महिला साक्षरता मात्र 44.64% है. लिंग अनुपात 935 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष है.
घोसी विकास खंड में लगभग 53 गांव शामिल हैं. 18 गांवों की जनसंख्या 1,000 से कम है और 28 गांवों की आबादी 1,000 से 4,999 के बीच है. केवल चार गांव ऐसे हैं जिन्हें बड़ा माना जा सकता है. तीन की जनसंख्या 5,000 से 9,999 के बीच और एक की जनसंख्या 10,000 से अधिक है. घोसी में कुल 17,113 परिवार हैं, यानी औसतन एक परिवार में लगभग 6 सदस्य हैं.
इतिहास की दृष्टि से देखें तो घोसी और इसके लोगों के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि, यह क्षेत्र मगध की कृषि और सांस्कृतिक परंपराओं से प्रभावित रहा है, जो इसके सामाजिक ताने-बाने में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.
राजनीतिक रूप से भी घोसी का इतिहास काफी सामान्य रहा है, जिसका मुख्य कारण कम साक्षरता और कमजोर आर्थिक स्थिति मानी जा सकती है. यहां के मतदाता आम तौर पर राजनीतिक दलों की अपेक्षा उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हैं. इसका उदाहरण जगदीश शर्मा हैं, जिन्होंने 1977 से 2005 तक लगातार आठ चुनाव जीते. वे जनता पार्टी (1977), भाजपा (1980), कांग्रेस (1985, 1990, 1995), दो बार निर्दलीय रूप में और अंत में 2005 में जद(यू) से जीते थे. जगदीश शर्मा 2009 में लोकसभा के लिए चुने गए, लेकिन 2013 में चारा घोटाले में चार साल की सजा के चलते उनकी संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई.
घोसी में जगदीश शर्मा का वर्चस्व उनके लोकसभा चुनाव के बाद भी जारी रहा. उनकी पत्नी शांति शर्मा ने 2009 में निर्दलीय विधायक उपचुनाव जीता और फिर उनके बेटे राहुल शर्मा ने 2010 में जद(यू) से जीत दर्ज की. इस परिवार ने 38 वर्षों तक इस सीट पर चार अलग-अलग दलों से प्रतिनिधित्व किया. 2015 में जद(यू) ने राहुल शर्मा को टिकट नहीं दिया, उन्होंने हम पार्टी से चुनाव लड़ा और 21,000 से अधिक मतों से हार गए. 2020 में, पिता की जेल से रिहाई के बाद जद(यू) ने राहुल शर्मा को फिर टिकट दिया, लेकिन वे 17,000 से अधिक वोटों से हार गए. फिलहाल, जगदीश शर्मा हम पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. यह उनका पांचवां राजनीतिक दल है.
घोसी, 1951 से जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक रहा है. अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस ने पांच बार, निर्दलीयों ने चार बार, जद(यू) ने तीन बार, भाकपा ने दो बार, जबकि जनता पार्टी, भाजपा और भाकपा(माले-लिबरेशन) ने एक-एक बार जीत हासिल की है. 2020 में, महागठबंधन (राजद के नेतृत्व में) के तहत भाकपा(माले-लिबरेशन) ने यह सीट 17,333 वोटों के अंतर से जीती.
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए, जिसमें जद(यू), लोजपा(रा) और हम पार्टी शामिल हैं, को घोसी में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में, घोसी विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी ने जद(यू) उम्मीदवार पर 31,843 वोटों की बड़ी बढ़त हासिल की.
घोसी में अनुसूचित जातियों की संख्या काफी महत्वपूर्ण है, जो कुल मतदाताओं का लगभग 19.93% है, जबकि मुस्लिम मतदाता केवल 4.3% हैं. पूरी तरह से ग्रामीण होने के कारण, यहां के मतदाताओं की कुल संख्या 2020 में 2,62,439 थी, जिनमें से 58.11% ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. 2024 के लोकसभा चुनावों में यह संख्या बढ़कर 2,65,158 हो गई.
(अजय झा)
Rahul Kumar
JD(U)
Rakesh Kumar Singh
LJP
Nota
NOTA
Satyendra Parsad Yadav
IND
Nityananda
IND
Arvind Kumar
IND
Jayant Kumar
BSLP
Jyoti Kumari
IND
Indrajeet Kumar Sudhakar
JMBP
Sanjit Kumar Singh
IND
Mani Bhushan Sharma
IND
बिहार में पहली बार अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले किसी चेहरे को किसी भी राजनीतिक दल ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. तेजस्वी यादव ने मंगनी लाल मंडल के निर्विरोध निर्वाचन के बाद ये जानकारी साझा करते हुए दावा भी किया कि उनकी पार्टी अति पिछड़ा वर्ग की हिमायती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून 2025 को बिहार के सीवान में एक रैली को संबोधित करेंगे. यह 24 फरवरी 2025 के बाद राज्य में उनका पांचवां दौरा होगा, इससे पहले वे भागलपुर (24 फरवरी 2025), मधुबनी (24 अप्रैल 2025) और विक्रमगंज (30 फरवरी 2025) का दौरा कर चुके हैं. इस सीवान दौरे में लगभग 9500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन होने की संभावना है.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की बात कही थी. चिराग के अलावा बिहार में कई नेताओं की पार्टियां सभी सीटों पर तैयारी कर रही हैं.
आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला है. तेजस्वी ने कहा, 'प्रधानमंत्री बिहार में पलायन रोकने नहीं आ रहे, वो यहां लालू यादव और मुझे गाली देने आ रहे हैं.' तेजस्वी यादव ने कहा, 'प्रधानमंत्री बिहार को फिर ठगने आ रहे हैं. लंबा-चौड़ा भाषण देने आ रहे हैं. प्रधानमंत्री मंच पर अपने तीनों 'जमाइयों' को माला पहनाएंगे क्या?'
यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा दे दिया था. वहीं, अब उनसे जुड़ी एक और बड़ी खबर आई है. जिसके अनुसार वे प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज में शामिल होंगे.
2027 में केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना तो कराएगी, लेकिन NPR को अपडेट करने का कोई इरादा नहीं दिखता. NRC-NPR विवादों और चुनावी सियासत के कारण सरकार फिलहाल जोखिम नहीं उठाना चाहती. महिला आरक्षण, डीलिमिटेशन जैसे बड़े फैसलों की बुनियाद भी इसी जनगणना पर टिकी है.
लालू यादव के जन्मदिन पर बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी इसे दलित अपमान का मुद्दा बनाना चाहती है. तेजस्वी यादव ने बचाव जरूर किया है, लेकन लालू यादव अब तक चुप हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए, ऐसी इच्छा एक और जदयू नेता ने जतायी है. नालंदा से जदयू के सांसद कौशलेंद्र कुमार चाहते हैं कि निशांत इस बार बिहार चुनाव लड़ें. नालंदा के सांसद ने अपनी ही संसदीय क्षेत्र की एक सीट को निशांत के लिए सही बताया.
जेडीयू विधायक विनय चौधरी ने आजतक से खास बातचीत में कहा है कि पार्टी के भीतर ज्यादातर लोगों की राय है कि निशांत कुमार को अब नेतृत्व संभालना चाहिए और विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए.
बिहार चुनाव में चिराग पासवान किंगमेकर बनने की कोशिश में हैं. चिराग का यह सपना सूबे की 33 विधानसभा सीटों पर टिका है, जहां सामने आरजेडी और महागठबंधन होंगे.